दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा इन दिनों बड़े विवाद में घिरे हैं. आरोप है कि उनके घर के स्टोररूम में भारी मात्रा में नकदी रखी हुई थी, जो होली के वक्त लगी आग में जल गई. हालांकि जस्टिस वर्मा ने इन आरोपों को सख्ती से खारिज किया है. उन्होंने कहा कि यह स्टोररूम उनके मुख्य आवास से अलग है और कई लोगों की पहुंच में है.
दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय को दिए अपने विस्तृत जवाब में जस्टिस वर्मा ने कहा कि 14 मार्च की रात होली के दिन उनके सरकारी आवास के स्टाफ क्वार्टर के पास स्थित स्टोररूम में आग लगी थी. उन्होंने कहा कि यह कमरा आमतौर पर उनके सभी कर्मचारी पुराने फर्नीचर, बोतलें, क्रॉकरी, गद्दे, इस्तेमाल किए हुए कालीन, पुराने स्पीकर, बागवानी के उपकरण और सीपीडब्ल्यूडी का सामान रखने के लिए इस्तेमाल करते थे. यह कमरा अनलॉक रहता था और इसके दोनों ओर से प्रवेश किया जा सकता था- एक आधिकारिक गेट से और दूसरा स्टाफ क्वार्टर के पिछले दरवाजे से.