चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न केस में अब नया मोड़ आया है. यौन उत्पीड़न केस की सुनवाई को लेकर साथी जजों के बीच ही मतभेद है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस नरीमन (Justice Nariman) ने इनहाउस जांच कमेटी से आपत्ति जताते हुए कहा, शिकायतकर्ता महिला के बगैर सुनवाई उचित नहीं है.
इस लेकर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस नरीमन ने इनहाउस जांच कमेटी से मुलाकात की. दोनों जजों ने कहा, एकतरफा सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट (SC) की छवि धूमिल होगी. लिहाजा या तो शिकायतकर्ता महिला की मांग के मुताबिक उसे वकील के जरिए अपनी बात कहने की इजाजत दी जाए या फिर किसी न्यायविद् को अमाइकस क्यूरी बनाए.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न केस में अब नया मोड़ आया है. यौन उत्पीड़न केस की सुनवाई को लेकर साथी जजों के बीच ही मतभेद है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस नरीमन (Justice Nariman) ने इनहाउस जांच कमेटी से आपत्ति जताते हुए कहा, शिकायतकर्ता महिला के बगैर सुनवाई उचित नहीं है.
इस लेकर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस नरीमन ने इनहाउस जांच कमेटी से मुलाकात की. दोनों जजों ने कहा, एकतरफा सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट (SC) की छवि धूमिल होगी. लिहाजा या तो शिकायतकर्ता महिला की मांग के मुताबिक उसे वकील के जरिए अपनी बात कहने की इजाजत दी जाए या फिर किसी न्यायविद् को अमाइकस क्यूरी बनाए.