वरिष्ठ टीवी पत्रकार राहुल कंवल के पिता ब्रिगेडियर गुरमीत कंवल (रिटायर्ड) का 16 मार्च को निधन हो गया. वे दिल्ली में आर्मी के आरएंडआर हॉस्पिटल (R&R Hospital) में भर्ती थे, जहां आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। वे रणनीतिक मामलों के प्रसिद्ध विश्लेषक थे. उनके निधन की खबर उनके बेटे राहुल कंवल ने ट्विटर के जरिए दी.
मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस की वेबसाइट के मुताबिक, ब्रिगेडियर कंवल ने ‘ऑपरेशन पराक्रम’ (2001-2002) के दौरान नियंत्रण रेखा के पास इन्फैंट्री ब्रिगेड की कमान संभाली थी. उन्होंने कश्मीर में (1993-1994) आतंकवाद विरोधी अभियानों में आर्टिलरी रेजिमेंट की कमान संभाली थी. ब्रिगेडियर कंवल ने 1971 में नेशनल डिफेंस एकैडमी से ग्रेजुएशन किया था.
वेबसाइट के मुताबिक, ब्रिगेडियर कंवल ने कई किताबें भी लिखी हैं, जिनमें ‘न्यूक्लियर डिफेंस: शेपिंग द आर्सेनल’ (Nuclear Defence: Shaping the Arsenal); ‘इंडियन आर्मी: विजन 2020’ (Indian Army: Vision 2020); ‘पाकिस्तान प्रॉक्सी वार’ (Pakistan’s Proxy War); ‘हीरोज ऑफ कारगिल’ (Heroes of Kargil); ‘कारगिल 99: ब्लड, गट्स एंड फायरपावर’ (Kargil ’99: Blood, Guts and Firepower) और ‘आर्टिलरी: ऑनर एंड ग्लोरी’ (Artillery: Honour and Glory) शामिल हैं.
उन्होंने इंटिग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के डिप्टी असिसटेंट चीफ के रूप में भी काम किया है. 2003 में वॉलेंट्री रिटायरमेंट लेने के बाद, ब्रिगेडियर कंवल ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (Observer Research Foundation) के साथ जुड़ गए थे. इसके अलावा उन्होंने इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (Institute for Defence Studies and Analyses) और सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज (Centre for Air Power Studies) में अपना योगदान दे चुके हैं. कंवल 2008 से 2012 तक सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज (Centre for Land Warfare Studies) के डायरेक्टर भी रह चुके थे.
वरिष्ठ टीवी पत्रकार राहुल कंवल के पिता ब्रिगेडियर गुरमीत कंवल (रिटायर्ड) का 16 मार्च को निधन हो गया. वे दिल्ली में आर्मी के आरएंडआर हॉस्पिटल (R&R Hospital) में भर्ती थे, जहां आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। वे रणनीतिक मामलों के प्रसिद्ध विश्लेषक थे. उनके निधन की खबर उनके बेटे राहुल कंवल ने ट्विटर के जरिए दी.
मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस की वेबसाइट के मुताबिक, ब्रिगेडियर कंवल ने ‘ऑपरेशन पराक्रम’ (2001-2002) के दौरान नियंत्रण रेखा के पास इन्फैंट्री ब्रिगेड की कमान संभाली थी. उन्होंने कश्मीर में (1993-1994) आतंकवाद विरोधी अभियानों में आर्टिलरी रेजिमेंट की कमान संभाली थी. ब्रिगेडियर कंवल ने 1971 में नेशनल डिफेंस एकैडमी से ग्रेजुएशन किया था.
वेबसाइट के मुताबिक, ब्रिगेडियर कंवल ने कई किताबें भी लिखी हैं, जिनमें ‘न्यूक्लियर डिफेंस: शेपिंग द आर्सेनल’ (Nuclear Defence: Shaping the Arsenal); ‘इंडियन आर्मी: विजन 2020’ (Indian Army: Vision 2020); ‘पाकिस्तान प्रॉक्सी वार’ (Pakistan’s Proxy War); ‘हीरोज ऑफ कारगिल’ (Heroes of Kargil); ‘कारगिल 99: ब्लड, गट्स एंड फायरपावर’ (Kargil ’99: Blood, Guts and Firepower) और ‘आर्टिलरी: ऑनर एंड ग्लोरी’ (Artillery: Honour and Glory) शामिल हैं.
उन्होंने इंटिग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के डिप्टी असिसटेंट चीफ के रूप में भी काम किया है. 2003 में वॉलेंट्री रिटायरमेंट लेने के बाद, ब्रिगेडियर कंवल ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (Observer Research Foundation) के साथ जुड़ गए थे. इसके अलावा उन्होंने इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (Institute for Defence Studies and Analyses) और सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज (Centre for Air Power Studies) में अपना योगदान दे चुके हैं. कंवल 2008 से 2012 तक सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज (Centre for Land Warfare Studies) के डायरेक्टर भी रह चुके थे.