पत्रकार और गांधीवादी कार्यकर्ता डॉ राकेश पाठक ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में मिथ्यावाचन करने पर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया है कि सिन्हा सात दिन में अपने बयान पर लिखित में सार्वजनिक माफ़ी मांगें अन्यथा अदालती कार्यवाही के लिए कदम उठाया जाएगा।
गत 23 मार्च को ग्वालियर के आईटीएम विश्वविद्यालय में डॉ राम मनोहर लोहिया स्मृति व्याख्यान में मनोज सिन्हा ने अपने उद्बोधन में कहा था कि 'शायद कम लोगों को मालूम है..देश में अनेक पढ़े लिखे लोगों को यह भ्रांति है कि गांधी जी के पास लॉ डिग्री थी, गांधी जी के पास कोई डिग्री नहीं थी।'
नोटिस में कहा गया है कि मनोज सिन्हा का बयान पूरी तरह मिथ्या है और गांधी जी की शैक्षणिक योग्यता को धूमिल करने और मृत्यु उपरांत उन्हें अपमानित करने की गरज से दिया गया है। सोशल मीडिया पर उनके बयान के वायरल होने के कारण देश दुनिया में गांधी जी की छवि धूमिल हुई है। डॉ पाठक ने कहा है कि न केवल वे बल्कि जो लाखों, करोड़ों लोग महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित हैं, वे सब इस बयान से आहत हुए हैं।
डॉ पाठक की ओर से उनके वकील भूपेंद्र सिंह चौहान, पंकज सक्सेना ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को राजभवन, जम्मू कश्मीर के पते पर रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजा है। राजभवन के आधिकारिक ईमेल पर भी नोटिस प्रेषित कर दिया गया है। नोटिस की प्रतिलिपि उपराज्यपाल की नियोक्ता राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू को भी संलग्न की गई है।