भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों ने अपने दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 को पृथ्वी की कक्षा में आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है. 22 जुलाई को लॉन्च के बाद इसे पेरिजी (पृथ्वी से कम दूरी) 170 किमी और एपोजी (पृथ्वी से ज्यादा दूरी) 45,475 किमी पर स्थापित किया गया था. इसकी कक्षा में 25 और 26 जुलाई की दरम्यानी रात 1.08 बजे सफलतापूर्वक बदलाव किया गया. अब इसकी पेरिजी 251 किमी और एपोजी 54,829 किमी कर दी गई है. इससे पहले चंद्रयान-2 की कक्षा में 24 जुलाई की दोपहर 2.52 बजे सफलतापूर्वक बदलाव किया गया था. तब इसकी पेरिजी 230 किमी और एपोजी 45,163 किमी की गई थी.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों ने अपने दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 को पृथ्वी की कक्षा में आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है. 22 जुलाई को लॉन्च के बाद इसे पेरिजी (पृथ्वी से कम दूरी) 170 किमी और एपोजी (पृथ्वी से ज्यादा दूरी) 45,475 किमी पर स्थापित किया गया था. इसकी कक्षा में 25 और 26 जुलाई की दरम्यानी रात 1.08 बजे सफलतापूर्वक बदलाव किया गया. अब इसकी पेरिजी 251 किमी और एपोजी 54,829 किमी कर दी गई है. इससे पहले चंद्रयान-2 की कक्षा में 24 जुलाई की दोपहर 2.52 बजे सफलतापूर्वक बदलाव किया गया था. तब इसकी पेरिजी 230 किमी और एपोजी 45,163 किमी की गई थी.