अंतरिक्ष में भारत को एक और बड़ी कामयाबी मिली है. इसरो ने श्रीहरिकोटा से आज सुबह 5.30 बजे रीसेट टू बी सैटेलाइट का सफल प्रक्षेपण किया है. ये प्रक्षेपण पीएसएलवी सी46 रॉकेट से किया गया है. ये चौथा रीसेट सैटेलाइट है. इस प्रेक्षपण के बाद अब ये सैटैलाइट हर मौसम में बादलों के बावजूद सही तस्वीरें ले सकता है. मतलब ये भी कि खुफिया गतिविधियों में इससे काफी मदद मिलेगी. यह उपग्रह 555 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया जाएगा.
दुश्मन देश की हर गतिविधि पर रखी जा सकेगी नजर
RISAT 2B सैटेलाइट से आपदा, सुरक्षाबल और सीमा पर नजर रखी जा सकेगी. रिसेट हमेशा काम करती रहे इसको लेकर 300 किलोग्राम के रिसेट-2बी सैटेलाइट के साथ सिंथेटिक अपर्चर रडार (सार) इमेजर को भी अंतरिक्ष में भेजा गया है. सीधे तौर पर यह कह सकते हैं कि ये यह उपग्रह इमेजेस लेने में सक्षम होगा, जिससे दुश्मन देश की हर एक गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी.
अंतरिक्ष में भारत को एक और बड़ी कामयाबी मिली है. इसरो ने श्रीहरिकोटा से आज सुबह 5.30 बजे रीसेट टू बी सैटेलाइट का सफल प्रक्षेपण किया है. ये प्रक्षेपण पीएसएलवी सी46 रॉकेट से किया गया है. ये चौथा रीसेट सैटेलाइट है. इस प्रेक्षपण के बाद अब ये सैटैलाइट हर मौसम में बादलों के बावजूद सही तस्वीरें ले सकता है. मतलब ये भी कि खुफिया गतिविधियों में इससे काफी मदद मिलेगी. यह उपग्रह 555 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया जाएगा.
दुश्मन देश की हर गतिविधि पर रखी जा सकेगी नजर
RISAT 2B सैटेलाइट से आपदा, सुरक्षाबल और सीमा पर नजर रखी जा सकेगी. रिसेट हमेशा काम करती रहे इसको लेकर 300 किलोग्राम के रिसेट-2बी सैटेलाइट के साथ सिंथेटिक अपर्चर रडार (सार) इमेजर को भी अंतरिक्ष में भेजा गया है. सीधे तौर पर यह कह सकते हैं कि ये यह उपग्रह इमेजेस लेने में सक्षम होगा, जिससे दुश्मन देश की हर एक गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी.