आयरलैंड की संसद ने जलवायु आपातकाल घोषित कर दिया है. ब्रिटेन के बाद ऐसा कदम उठाने वाला वह दुनिया का दूसरा देश बन गया है. पर्यावरण को लेकर अभियान चलाने वाली स्वीडिश किशोरी ग्रेटा थुनबर्ग ने इसे ''बहुत अच्छी" खबर बता फैसले की सराहना की है.
गुरुवार रात को संसदीय रिपोर्ट में एक संशोधन करके ''जलवायु आपातकाल" घोषित किया गया और संसद से आह्वान किया गया कि ''किस तरह से जांच कर वह (आयरिश सरकार) जैवविविधता को नुकसान के मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया में सुधार कर सकती है. यह संशोधन बिना मतदान स्वीकार कर लिया गया."
आयरिश ग्रीन पार्टी के नेता और संसद में यह संशोधन पेश करने वाले इमॉन रॉयन ने इस निर्णय को ''ऐतिहासिक करार" दिया. 16 वर्षीय कार्यकर्ता थुनबर्ग पूरे यूरोप में एक अभियान चला रही हैं और वह हरित आंदोलन को लेकर मुखर हस्तियों में शुमार हो गईं हैं. उन्होंने दूसरे देशों से भी इसका अनुसरण करने का आग्रह किया है.
थुनबर्ग ने ट्वीट करके कहा, ''आयरलैंड से बहुत अच्छी खबर!! अगला कौन है?" ब्रिटेन को विश्व में ऐसा पहला देश होने का गौरव प्राप्त है जिसने जलवायु आपातकाल घोषित किया. उसने एक मई को सांकेतिक तौर पर यह प्रस्ताव पारित किया. यह कदम लंदन में हुये आंदोलन के बाद उठाया गया था.
यह आंदोलन एक्सटिंशन रिबेलियन इनवायरनमेंटल कैम्पेन समूह ने चलाया था. इस समूह का लक्ष्य 2025 तक हरित गैसों के उत्सर्जन की सीमा शून्य पर लाने और जैवविविधता के नुकसान को समाप्त करना है. इस पहल को वैश्चिक स्तर पर वाम झुकाव वाले दलों का समर्थन हासिल है.
आयरलैंड की संसद ने जलवायु आपातकाल घोषित कर दिया है. ब्रिटेन के बाद ऐसा कदम उठाने वाला वह दुनिया का दूसरा देश बन गया है. पर्यावरण को लेकर अभियान चलाने वाली स्वीडिश किशोरी ग्रेटा थुनबर्ग ने इसे ''बहुत अच्छी" खबर बता फैसले की सराहना की है.
गुरुवार रात को संसदीय रिपोर्ट में एक संशोधन करके ''जलवायु आपातकाल" घोषित किया गया और संसद से आह्वान किया गया कि ''किस तरह से जांच कर वह (आयरिश सरकार) जैवविविधता को नुकसान के मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया में सुधार कर सकती है. यह संशोधन बिना मतदान स्वीकार कर लिया गया."
आयरिश ग्रीन पार्टी के नेता और संसद में यह संशोधन पेश करने वाले इमॉन रॉयन ने इस निर्णय को ''ऐतिहासिक करार" दिया. 16 वर्षीय कार्यकर्ता थुनबर्ग पूरे यूरोप में एक अभियान चला रही हैं और वह हरित आंदोलन को लेकर मुखर हस्तियों में शुमार हो गईं हैं. उन्होंने दूसरे देशों से भी इसका अनुसरण करने का आग्रह किया है.
थुनबर्ग ने ट्वीट करके कहा, ''आयरलैंड से बहुत अच्छी खबर!! अगला कौन है?" ब्रिटेन को विश्व में ऐसा पहला देश होने का गौरव प्राप्त है जिसने जलवायु आपातकाल घोषित किया. उसने एक मई को सांकेतिक तौर पर यह प्रस्ताव पारित किया. यह कदम लंदन में हुये आंदोलन के बाद उठाया गया था.
यह आंदोलन एक्सटिंशन रिबेलियन इनवायरनमेंटल कैम्पेन समूह ने चलाया था. इस समूह का लक्ष्य 2025 तक हरित गैसों के उत्सर्जन की सीमा शून्य पर लाने और जैवविविधता के नुकसान को समाप्त करना है. इस पहल को वैश्चिक स्तर पर वाम झुकाव वाले दलों का समर्थन हासिल है.