निर्यात टारगेट के मुताबिक न होने, निजी खपत उम्मीद से कम और फिक्स्ड इनवेस्टमेंट में नरम बढ़त की वजह से वित्त वर्ष 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था के सुस्त पड़ने के संकेत मिल रहे हैं. बता दे कि खुद वित्त मंत्रालय की नवीनतम मासिक आर्थिक रिपोर्ट में यह बात स्वीकार की गई है. मंत्रालय ने कहा, 'ऐसा लगता है कि वित्त वर्ष 2018-19 में देश की आर्थिक वृद्धि दर सुस्त पड़ी है. हालांकि वित्त मंत्रालय का यह भी कहना है कि शेयर बाजार में तेजी और महंगाई में कमी की वजह से अर्थव्यवस्था के लिए आउटलुक यानी आगे का नजरिया सकारात्मक बना हुआ है और आगे अर्थव्यवस्था की रफ्तार अच्छी रहेगी.
निर्यात टारगेट के मुताबिक न होने, निजी खपत उम्मीद से कम और फिक्स्ड इनवेस्टमेंट में नरम बढ़त की वजह से वित्त वर्ष 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था के सुस्त पड़ने के संकेत मिल रहे हैं. बता दे कि खुद वित्त मंत्रालय की नवीनतम मासिक आर्थिक रिपोर्ट में यह बात स्वीकार की गई है. मंत्रालय ने कहा, 'ऐसा लगता है कि वित्त वर्ष 2018-19 में देश की आर्थिक वृद्धि दर सुस्त पड़ी है. हालांकि वित्त मंत्रालय का यह भी कहना है कि शेयर बाजार में तेजी और महंगाई में कमी की वजह से अर्थव्यवस्था के लिए आउटलुक यानी आगे का नजरिया सकारात्मक बना हुआ है और आगे अर्थव्यवस्था की रफ्तार अच्छी रहेगी.