Know your world in 60 words - Read News in just 1 minute
हॉट टोपिक
Select the content to hear the Audio

Added on : 2023-06-12 21:28:20

 

दिल्ली । अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजाराम ने आज कहा कि किसानों के संकट की जब बात आती है तो किसी भी दल की सरकार हो उसे सहज उपाय ऋण माफ करना लगता है. वास्तव में किसानों को ऋण की जरुरत ही नहीं पड़ती अगर सरकारें किसानों की हितों को ध्यान में रख कर नीतिगत फैसले लेती या फिर किसानोन्मुख नीतियां बनाती. डॉ त्रिपाठी नई दिल्ली में देश के पच्चीस प्रमुख किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रहे थे. 

उल्लेखनीय है कि एक जून से दस जून तक किसानों ने ‘गांव बंद’ आंन्दोलन के तहत हड़ताल की है. डॉ त्रिपाठी ने कहा कि सभी किसान संगठन मिनिमम प्वाइंट एक्शन पर सहमत हुए है और किसानों न को युक्तियुक्त अर्थात तर्कसंगत कृषि उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की मांग की. किसानों का कहना था कि अगर केंद्र तथा राज्य की सरकारें अगर अपने वादों को पूरा करती तो आज किसानों की स्थिति में सुधार नजर आता. सरकार ने वादा किया था कि वह किसानों की सकल लागत का डेढ़ गुना ( न्यूनतम समर्थन मूल्य) दिलाएगी, लेकिन बीते चार वर्षों में सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया. किसान संगठनों का कहना था कि सभी किसानों को उनकी वास्तविक लागत का डेढ़ गुना वास्तव में मिलने लगे तो उन्हें ऋण की जरुरत ही नहीं पड़ेगी. लेकिन किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार को किसानोंन्मुख नीतियां बनानी होगी. बैठक में उपस्थित सभी किसान संगठन ने किसानों के राष्ट्रीय एजेंडा को लागू करने और क्रियान्वित करने के प्रारूप को अंतिम रूप दिया. उपस्थित संगठनों में प्रमुख भारतीय किसान संघ, राष्ट्रीय किसान संगठन, किसान सुरक्षा दल, अखिल भारतीय किसान सभा, अखिल भारतीय सब्जी उत्पादक संघ, अखिल भारतीय डेयरी फेडरेशन, तेलंगाना किसान समिति, दक्षिण एशिया बोरलाग एसोसिएशन, स्वराज अभियान, बिहार किसान समिति, और ऑल इंडिया हर्बल एसोसिएशन शामिल थे. अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) ने अन्य सभी किसान संगठनों के साथ समन्वय करने का फैसला किया ताकि साझा एजेंडे को बल दिया जा सके और सभी संगठनों को एक मंच पर लाया जा सके. इंडियन काउंसिल आफ फूड एंड एग्रीकल्चर (आईसीएफए) के अध्यक्ष डॉ एमजे खान ने कहा कि किसान संगठनों को सरकार के साथ-साथ सभी राजनीतिक दलों के साथ अर्थपूर्ण रूप से संलग्न होने की आवश्यकता है. उन्होंने जोर दिया कि उद्योग और सरकार के साथ साझेदारी बेहतर परिणाम ला सकती है और किसानों को ज्यादा लाभ पहुंचा सकती है ।

आज की बात

हेडलाइंस

अच्छी खबर

शर्मनाक

भारत

दुनिया