आज सुबह अहमदाबाद के शहेर पुलिस के कंट्रोल रूम में एक फोन आया जिसने गुजरात सरकार की कोरोना का सामना करने के लिए की गई सारी तैयारियों की सब पोल खोल दी। दरअसल बीते कल एक पुलिस कर्मी का कोरोना रिपोर्ट पोजिटिव आया और उसे शहर के सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया है, लेकिन आश्चर्य तो तब हुआ जब उसने कंट्रोल रूम में फोन करके बताया कि जिस वार्ड में उसे दाखिल किया गया है वहा न तो बेड कि व्यवस्था है और न पंखे कि व्यवस्था है। वह जमीन पर बिस्तर लगा कर सोने को मजबूर है। उसने बताया कि अहमदाबाद का एक पुलिस कर्मी भी हमारे साथ है चूंकि उसका कोरोना का इलाज भी यही वॉर्ड में चल रहा है। अब सोचने की बात यह है कि एक तरफ गुजरात सरकार कहेती है कि कोरोना से लडने के लिए हमने चीन से भी जल्दी भारत कि सबसे बड़ी कोविड-19 अस्पताल का निर्माण कर दिया है और ज़मीनी हकीकत कुछ और मालूम पड़ती है तब वाकेई अगर यह सच है तो आने वाले दिनों में परिस्थिति बहोत गंभीर हो सकती है।
हालांकि अभी अभी खबर आई है कि मीडिया में खबर चलने बाद अब उन दोनों मरीजों को सिविल अस्पताल प्रशासन की ओर से वातानुकूलित रूम में ट्रांसफर कर दिया गया है।
आज सुबह अहमदाबाद के शहेर पुलिस के कंट्रोल रूम में एक फोन आया जिसने गुजरात सरकार की कोरोना का सामना करने के लिए की गई सारी तैयारियों की सब पोल खोल दी। दरअसल बीते कल एक पुलिस कर्मी का कोरोना रिपोर्ट पोजिटिव आया और उसे शहर के सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया है, लेकिन आश्चर्य तो तब हुआ जब उसने कंट्रोल रूम में फोन करके बताया कि जिस वार्ड में उसे दाखिल किया गया है वहा न तो बेड कि व्यवस्था है और न पंखे कि व्यवस्था है। वह जमीन पर बिस्तर लगा कर सोने को मजबूर है। उसने बताया कि अहमदाबाद का एक पुलिस कर्मी भी हमारे साथ है चूंकि उसका कोरोना का इलाज भी यही वॉर्ड में चल रहा है। अब सोचने की बात यह है कि एक तरफ गुजरात सरकार कहेती है कि कोरोना से लडने के लिए हमने चीन से भी जल्दी भारत कि सबसे बड़ी कोविड-19 अस्पताल का निर्माण कर दिया है और ज़मीनी हकीकत कुछ और मालूम पड़ती है तब वाकेई अगर यह सच है तो आने वाले दिनों में परिस्थिति बहोत गंभीर हो सकती है।
हालांकि अभी अभी खबर आई है कि मीडिया में खबर चलने बाद अब उन दोनों मरीजों को सिविल अस्पताल प्रशासन की ओर से वातानुकूलित रूम में ट्रांसफर कर दिया गया है।