राजनीतिक दल चुनाव लड़ने और अन्य खर्च के लिए चंदे पर निर्भर रहते हैं. उन्हें कॉरपोरेट या व्यापारिक घरानों, ट्रस्टों और निजी व्यक्तियों से चंदे या योगदान के रूप में भारी मात्रा में धनराशि मिलती है. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29C के अनुसार राजनीतिक दलों को 100 प्रतिशत टैक्स छूट का लाभ उठाने के लिए किसी व्यक्ति या कंपनी से मिलने वाले 20,000 रुपये से अधिक के चंदे की जानकारी हर साल चुनाव आयोग (ECI) को देनी जरूरी है.
चुनाव की निगरानी करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को मिले 20,000 रुपये से अधिक के चंदे पर एक रिपोर्ट तैयार की है. इस राष्ट्रीय दलों में भाजपा, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीईपी) शामिल हैं.