सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाहों पर सुनवाई के दूसरे दिन वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा कि विक्टोरियन मोरैलिटी (रूढ़िवादी पारिवारिक मूल्य) की मान्यता 19वीं शताब्दी में आई थी। उन्होंने कहा, "अगर आप भारतीय ग्रंथों को देखें तो...हज़ारों वर्ष पहले ऐसी चीज़ें (समलैंगिकता) दीवारों पर उकेरी जाती थीं...हम खुले विचारों वाले थे...फिर चीज़ें बदल गईं।"