जर्मनी के तानाशाह हिटलर की पसंद रह चुकी बीटल कार जो की फॉक्सवैगन की लोकप्रिय कारों में से एक है उसका प्रोडक्शन बंध अगले हफ्ते से बंध होने जा रहा है. कंपनी ने मेक्सिको के प्यूब्ला शहर के अपने प्लांट में बीटल के आखिरी वेरिएंट का प्रोडक्शन रोकने का फैसला किया है. इस कार ने पिछले 80 सालों में पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है. बीटल ने अपनी पहचान आम लोगों की कार के तौर पर बनाई थी और देखते-देखते ये गाड़ी दुनिया की सबसे मशहूर गाड़ियों में से एक बन गई.
1938 में आई थी बीटल कार
बीटल कार नाजी जर्मनी के तानाशाही के इतिहास का गवाह रही है. फर्डिनांड पॉर्श ने इसे हिटलर के लिए बनाया था. दरअसल, 1933 में एडोल्फ हिटलर ने फर्डिनांड पोर्श को एक ऐसी कार विकसित करने का आदेश दिया था जो आम लोगों की पसंद बने और उनकी जेब के हिसाब से सही हो. इसके लिए उन्होंने वोक्सवैगन जिसका जर्मनी में अर्थ "पीपुल्स कार" का नाम दिया था. हिटलर को एक ऐसी कार की जरूरत थी जिसको 100 किमी की रफ्तार से दौड़ाया जा सके और जिसमें चार लोगों के बैठने की सुविधा उपलब्ध हो. पॉर्श ने हिटलर के संरक्षण में 1937 में सार्वजनिक वाहन निर्माता कंपनी फॉक्सवैगनवर्क यानी आम लोगों की कार बनाने वाली फैक्ट्री (कंपनी) गठित की थी और 1938 में पहली बीटल कार आयी थी.
अमेरिका बना कार का बड़ा मार्केट
दूसरे विश्वयुद्ध के बाद मित्र राष्ट्रों ने जर्मनी के वाहन उद्योग को आर्थिक बदहाली से बाहर निकालने के लिए फॉक्सवैगन को प्राथमिकता दी और इस तरह सेडान बीटल को अमेरिका में पहली बार 1950 के दशक में उतारा गया था. अमेरिका में फॉक्सवैगन कंपनी का बड़ा मार्केट बनकर उभरा, जहां 1968 में कंपनी की करीब 40 प्रतिशत यानी 5,63,522 कार की बिक्री हुई. कार को डिज्नी की 1968 की फिल्म 'दी लव बग' से खासी लोकप्रियता मिली. इस फिल्म में एक ऐसी फॉक्सवैगन कार की कहानी थी जो खुद सोच सकती थी.
1979 में अमेरिका में बंद हुई बीटल की बिक्री
हालांकि साल 1979 में अमेरिका में बीटल की बिक्री बंद कर दी गयी. हालांकि मैक्सिको और ब्राजील में इसका उत्पादन जारी रहा. बाद में कंपनी ने 'न्यू बीटल' को 1997 में अमेरिकी बाजार में पेश किया. इसके बाद साल 2018 में बीटल की अमेरिका में बिक्री 2017 में 3.2 प्रतिशत गिरकर 15,667 इकाइयों पर आ गई.
जर्मनी के तानाशाह हिटलर की पसंद रह चुकी बीटल कार जो की फॉक्सवैगन की लोकप्रिय कारों में से एक है उसका प्रोडक्शन बंध अगले हफ्ते से बंध होने जा रहा है. कंपनी ने मेक्सिको के प्यूब्ला शहर के अपने प्लांट में बीटल के आखिरी वेरिएंट का प्रोडक्शन रोकने का फैसला किया है. इस कार ने पिछले 80 सालों में पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है. बीटल ने अपनी पहचान आम लोगों की कार के तौर पर बनाई थी और देखते-देखते ये गाड़ी दुनिया की सबसे मशहूर गाड़ियों में से एक बन गई.
1938 में आई थी बीटल कार
बीटल कार नाजी जर्मनी के तानाशाही के इतिहास का गवाह रही है. फर्डिनांड पॉर्श ने इसे हिटलर के लिए बनाया था. दरअसल, 1933 में एडोल्फ हिटलर ने फर्डिनांड पोर्श को एक ऐसी कार विकसित करने का आदेश दिया था जो आम लोगों की पसंद बने और उनकी जेब के हिसाब से सही हो. इसके लिए उन्होंने वोक्सवैगन जिसका जर्मनी में अर्थ "पीपुल्स कार" का नाम दिया था. हिटलर को एक ऐसी कार की जरूरत थी जिसको 100 किमी की रफ्तार से दौड़ाया जा सके और जिसमें चार लोगों के बैठने की सुविधा उपलब्ध हो. पॉर्श ने हिटलर के संरक्षण में 1937 में सार्वजनिक वाहन निर्माता कंपनी फॉक्सवैगनवर्क यानी आम लोगों की कार बनाने वाली फैक्ट्री (कंपनी) गठित की थी और 1938 में पहली बीटल कार आयी थी.
अमेरिका बना कार का बड़ा मार्केट
दूसरे विश्वयुद्ध के बाद मित्र राष्ट्रों ने जर्मनी के वाहन उद्योग को आर्थिक बदहाली से बाहर निकालने के लिए फॉक्सवैगन को प्राथमिकता दी और इस तरह सेडान बीटल को अमेरिका में पहली बार 1950 के दशक में उतारा गया था. अमेरिका में फॉक्सवैगन कंपनी का बड़ा मार्केट बनकर उभरा, जहां 1968 में कंपनी की करीब 40 प्रतिशत यानी 5,63,522 कार की बिक्री हुई. कार को डिज्नी की 1968 की फिल्म 'दी लव बग' से खासी लोकप्रियता मिली. इस फिल्म में एक ऐसी फॉक्सवैगन कार की कहानी थी जो खुद सोच सकती थी.
1979 में अमेरिका में बंद हुई बीटल की बिक्री
हालांकि साल 1979 में अमेरिका में बीटल की बिक्री बंद कर दी गयी. हालांकि मैक्सिको और ब्राजील में इसका उत्पादन जारी रहा. बाद में कंपनी ने 'न्यू बीटल' को 1997 में अमेरिकी बाजार में पेश किया. इसके बाद साल 2018 में बीटल की अमेरिका में बिक्री 2017 में 3.2 प्रतिशत गिरकर 15,667 इकाइयों पर आ गई.