मध्यप्रदेश के सबसे बड़े नर्सिंग फर्जीबाड़े में सीबीआई ने आज हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश की जिसे देखकर हाईकोर्ट भी हैरान रह गया। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने मप्र में नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक लगा रही है, अधिवक्ता दिलीप कुमार शर्मा की याचिका पर ग्वालियर हाई कोर्ट ने 27 फरवरी को परीक्षाओं पर रोक लगाई थी, 28 अप्रैल को जब इस मामले की सुनवाई हुई तो ग्वालियर हाई कोर्ट ने नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक के आदेश को बरकरार रखते हुए इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी, ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी गया, जहाँ सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के फैसले को बरक़रार रखा है।
ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में हुए फर्जीवाड़े की जांच अब CBI कर रही है, पिछली सुनवाई में एमपी हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने सीबीआई को 364 कॉलेजों की जांच सौंप दी थी और उसकी रिपोर्ट आज 12 मई को कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए थे, सीबीआई ने आज कुछ कॉलेजों की जांच कर रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की जिसे देखकर हाई कोर्ट हैरान रह गया।
सीबीआई ने हाईकोर्ट में पेश की जांच रिपोर्ट-
नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में आज फिर अहम सुनवाई हुई, जिसमें सीबीआई ने अपनी जांच रिपोर्ट पेश की जिसे सुनकर कोर्ट ने अप्रसन्नता जताते हुए हैरानी भी जताई। एडवोकेट जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि सीबीआई ने जांच के लिए चार स्लैब बनाये है और उसी आधार पर कुछ कॉलेजों की सेम्पल जांच रिपोर्ट आज पेश की।
जांच रिपोर्ट के बाद हैरान हुआ हाईकोर्ट-
यहां आपको बता दें कि CBI की रिपोर्ट में चौकाने वाला खुलासा हुआ, सीबीआई 364 नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रही है इनमें से 22 सरकारी कॉलेजों की रिपोर्ट देखकर भी कोर्ट को बहुत हैरानी हुई।
स्तर घटिया है अधिकांश नर्सिंग कॉलेज का-
बताया जा रहा है कि CBI ने जो रिपोर्ट पेश की है उसमें 22 गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेजों में से 50 प्रतिशत कॉलेजों में कमियां पाई गईं , 10 साल और उससे ज्यादा पुराने नर्सिंग कॉलेज में 33 प्रतिशत ही उपयुक्त पाए गए, 5 साल और उस से ज्यादा पुराने नर्सिंग कॉलेज 67 प्रतिशत ही उपयुक्त मिले और पिछले 5 साल और उससे कम वाले कॉलेजों में 44 प्रतिशत ही जांच में सही उपयुक्त पाए गए।
हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 27 जुलाई को-
रिपोर्ट सुनने के बाद हाई कोर्ट ने इन नर्सिंग कॉलेजों के स्टूडेंट्स की ट्रेनिंग पर भी सवाल खड़े किये, कोर्ट ने कहा कि नर्सिंग स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग वाले हॉस्पिटल से नोटराइज्ड एफिडेविट मांगा जाए, ट्रेनिंग लेने वाले स्टूडेंट जानकारी की मांगी जाए, मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी, गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने मप्र में नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक लगा रही है, सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के फैसले को बरक़रार रखा है।