केंद्रीय उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग को जल्द ही अनिवार्य बना सकता है। यह आदेश जून, 2018 में जारी किया गया था लेकिन सरकार ने अभी तक इसकी अधिसूचना जारी नहीं की है। हालांकि आज मंत्रालय ने सभी हितधारकों की बैठक बुलाने का फैसला किया है ताकि इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जा सके। सूत्रों ने कहा कि अनिवार्य हॉलमार्किंग की अधिसूचना बहुत जल्द जारी की जा सकती है। सबसे बड़ी चुनौती चुनावों की घोषणा से पहले इसकी अधिसूचना जारी करना है।
सभी भागीदारों की बैठक अगले सप्ताह 28 फरवरी को बुलाई गई है। बैठक की अध्यक्षता उपभोक्ता मामलों के मंत्री करेंगे। इसमें अनिवार्य हॉलमार्किंग की प्रक्रिया के बारे में चर्चा की जाएगी। कुछ महीने पहले ही भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस.) ने आभूषण विनिर्माताओं को चेताया था कि वे ब्यूरो के पास पंजीकरण करवाए बिना बी.आई.एस. लोगो का इस्तेमाल न करें। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि सरकार विभिन्न कैरेट के उन पुराने आभूषणों को बेचने और पिघलाने के लिए समय देगी जिन्हें अनिवार्य हॉलमार्किंग व्यवस्था में बेचने की मंजूरी नहीं होगी। हमारा यह भी मानना है कि हॉलमार्किंग को चरणबद्ध तरीके यानी पहले बड़े शहरों और फिर कस्बों व गांवों में अनिवार्य बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को 20 कैरेट, 23 कैरेट और 24 कैरेट के सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने की उद्योग की मांग पर फिर से विचार करना चाहिए।
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग को जल्द ही अनिवार्य बना सकता है। यह आदेश जून, 2018 में जारी किया गया था लेकिन सरकार ने अभी तक इसकी अधिसूचना जारी नहीं की है। हालांकि आज मंत्रालय ने सभी हितधारकों की बैठक बुलाने का फैसला किया है ताकि इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जा सके। सूत्रों ने कहा कि अनिवार्य हॉलमार्किंग की अधिसूचना बहुत जल्द जारी की जा सकती है। सबसे बड़ी चुनौती चुनावों की घोषणा से पहले इसकी अधिसूचना जारी करना है।
सभी भागीदारों की बैठक अगले सप्ताह 28 फरवरी को बुलाई गई है। बैठक की अध्यक्षता उपभोक्ता मामलों के मंत्री करेंगे। इसमें अनिवार्य हॉलमार्किंग की प्रक्रिया के बारे में चर्चा की जाएगी। कुछ महीने पहले ही भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस.) ने आभूषण विनिर्माताओं को चेताया था कि वे ब्यूरो के पास पंजीकरण करवाए बिना बी.आई.एस. लोगो का इस्तेमाल न करें। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि सरकार विभिन्न कैरेट के उन पुराने आभूषणों को बेचने और पिघलाने के लिए समय देगी जिन्हें अनिवार्य हॉलमार्किंग व्यवस्था में बेचने की मंजूरी नहीं होगी। हमारा यह भी मानना है कि हॉलमार्किंग को चरणबद्ध तरीके यानी पहले बड़े शहरों और फिर कस्बों व गांवों में अनिवार्य बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को 20 कैरेट, 23 कैरेट और 24 कैरेट के सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने की उद्योग की मांग पर फिर से विचार करना चाहिए।