नेशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) के रोजगार को लेकर किए सर्वे में चौंकाने वाली बातें सामने आई है। एनएसएसओ के रोजगार सर्वे में सामने आया कि देश की कार्ययोग्य जनसंख्या यानी 15 साल से 64 साल के लोगों का आधा भाग देश की अर्थव्यवस्था में कोई आर्थिक योगदान नहीं देता है। इसका मतलब देश की आधी कार्ययोग्य जनसंख्या किसी भी आर्थिक गतिविधि में सम्मिलित नहीं है।
एनएसएसओ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की कार्ययोग्य जनसंख्या का 49.8 फीसदी देश की आर्थिक गतिविधियों में किसी भी प्रकार का योगदान नहीं कर रहा है। ये साल 2017-18 के हालात हैं। वैसे रिपोर्ट बताती है कि हालात साल 2011-12 में और भी खराब थे, जब देश की कार्ययोग्य जनसंख्या का 55.9 फीसदी देश की अर्थव्यवस्था में कोई योगदान नहीं कर रहा था।
इसी तरह साल 2004-05 में तो देश की कार्ययोग्य जनसंख्या का 63.7 फीसदी हिस्सा किसी आर्थिक गतिविधि में शामिल नहीं था। ये वो लोग थे जो ने तो कोई आर्थिक कार्य कर रहे थे और न ही किसी तरह के रोजगार के लिए प्रयासरत थे। उल्लेखनीय है कि देश की कुल जनसंख्या का 65 फीसदी कार्ययोग्य जनसंख्या है।
नेशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) के रोजगार को लेकर किए सर्वे में चौंकाने वाली बातें सामने आई है। एनएसएसओ के रोजगार सर्वे में सामने आया कि देश की कार्ययोग्य जनसंख्या यानी 15 साल से 64 साल के लोगों का आधा भाग देश की अर्थव्यवस्था में कोई आर्थिक योगदान नहीं देता है। इसका मतलब देश की आधी कार्ययोग्य जनसंख्या किसी भी आर्थिक गतिविधि में सम्मिलित नहीं है।
एनएसएसओ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की कार्ययोग्य जनसंख्या का 49.8 फीसदी देश की आर्थिक गतिविधियों में किसी भी प्रकार का योगदान नहीं कर रहा है। ये साल 2017-18 के हालात हैं। वैसे रिपोर्ट बताती है कि हालात साल 2011-12 में और भी खराब थे, जब देश की कार्ययोग्य जनसंख्या का 55.9 फीसदी देश की अर्थव्यवस्था में कोई योगदान नहीं कर रहा था।
इसी तरह साल 2004-05 में तो देश की कार्ययोग्य जनसंख्या का 63.7 फीसदी हिस्सा किसी आर्थिक गतिविधि में शामिल नहीं था। ये वो लोग थे जो ने तो कोई आर्थिक कार्य कर रहे थे और न ही किसी तरह के रोजगार के लिए प्रयासरत थे। उल्लेखनीय है कि देश की कुल जनसंख्या का 65 फीसदी कार्ययोग्य जनसंख्या है।