अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत को ''असाधारण सफलता की कहानी'' करार देते हुए बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियां और कार्यक्रम भारत के लोगों के लिए बहुत फायदेमंद रहे हैं।
विश्व आर्थिक मंच ने बुधवार को कहा कि भारत में ग्रीन हाइड्रोजन न केवल उर्वरक, रसायन, रिफाइनिंग और लोहा जैसे क्षेत्रों के लिए ऊर्जा प्रदान कर सकता है बल्कि कोयला जैसे जीवाश्म ईंधन की तुलना में कार्बन इमीशन में कमी लाने में भी मददगार है. डब्ल्यूईफ (WEF) ने एक रिपोर्ट में भारत में ग्रीन हाइड्रोजन को भरोसेमंद ऊर्जा स्रोत बनाने के लिए विस्तृत विश्लेषण किया है. इसमें कहा गया है, ‘‘ग्रीन हाइड्रोजन ऊर्जा बदलाव के लिहाज से महत्वपूर्ण है. यह देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों का पूरा करने के साथ 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन इमीशन के लिहाज से अहम है.''
विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक 2024 में ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और मोदी के बीच प्रगाढ़ संबंध हैं और उनकी बातचीत में अमेरिका-भारत संबंधों सहित सभी पहलुओं को शामिल किया गया है।
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार की प्रशंसा करते हुए ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका और भारत हमेशा बातचीत करते रहते हैं और इनमें लोकतंत्र और मौलिक अधिकारों से जुड़े सभी पहलू शामिल हैं। उन्होंने कहा हम निरंतर और बहुत वास्तविक बातचीत करते रहते हैं। ब्लिंकन ने ये बातें उस सवाल के जवाब में कहीं जिसमें पूछा गया था कि मोदी के शासन में देश की मजबूत आर्थिक प्रगति और आधारभूत संरचना निर्माण के बावजूद क्या हिंदू राष्ट्रवाद का उदय भारत के लिए चिंता के विषय है।
गीता गोपीनाथ ने जलवायु से जुड़े वित्तपोषण के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले डेटा पर दिया जोर
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की उप प्रबंध निदेशक, गीता गोपीनाथ ने बैंकिंग क्षेत्र को जलवायु बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण को सक्षम करने के लिए एक ठोस सूचना वास्तुकला बनाने की आवश्यकता की ओर इशारा किया है।
"गोपीनाथ ने कहा, "निश्चित रूप से क्लाईमेट फाइनेंस समय की मांग है, लेकिन हमारे पास अब भी इससे जुड़े स्पष्ट डेटा उपलब्ध नहीं हैं। ग्रीनवाशिंग के बारे में चिंताएं प्रासंगिक हैं, और मुझे नहीं लगता कि हम उस सूचना तंत्र को बनाने में कामयाब रहे हैं जिसकी आवश्यकता है। जलवायु के क्षेत्र में अधिक पूंजी प्रवाह प्राप्त करने के लिए पारदर्शिता जरूरी है।"