इलेक्ट्रिक कारों को प्रमोट करने के लिए सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। सरकार ने फेम-2 यानी फास्टर अडोप्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड व्हीकल्स को मंजूरी दे दी है जिसके तहत सरकार ने सब्सिडी की राशि 5500 करोड़ रुपए से बढ़ा कर 10 हजार करोड़ कर दी है। फेम-2 स्कीम में महानगरों और 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों, स्मार्ट सिटी और देशभर के पहाड़ी राज्यों के शहरों में लगभग 2,700 चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। वहीं प्रमुख राजमार्गों (हाइवे) पर लगभग 25 किमी के बाद चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे कार के अलावा टू-व्हीलर, थ्री व्हीलर और बसों पर भी सब्सिडी दी जाएगी। फेम-टू स्कीम के तहत सब्सिडी की राशि 60 लाख रुपए तक हो सकती है।
फेम-2 के दूसरे चरण की अवधि तीन वर्षों की होगी, जिसकी शुरूआत एक अप्रैल 2019 से होगी। फेम स्कीम की शुरूआत एक अप्रैल 2015 से हुई थी और उसके लिये 895 करोड़ रुपए आवंटित हुए थे। सरकार चाहती है कि देश में न केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा मिले बल्कि सार्वजनिक परिवहन की सुविधाओं के लिए अधिक से अधिक ई व्हीकल्स का ही उपयोग हो।
इलेक्ट्रिक कारों को प्रमोट करने के लिए सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। सरकार ने फेम-2 यानी फास्टर अडोप्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड व्हीकल्स को मंजूरी दे दी है जिसके तहत सरकार ने सब्सिडी की राशि 5500 करोड़ रुपए से बढ़ा कर 10 हजार करोड़ कर दी है। फेम-2 स्कीम में महानगरों और 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों, स्मार्ट सिटी और देशभर के पहाड़ी राज्यों के शहरों में लगभग 2,700 चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। वहीं प्रमुख राजमार्गों (हाइवे) पर लगभग 25 किमी के बाद चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे कार के अलावा टू-व्हीलर, थ्री व्हीलर और बसों पर भी सब्सिडी दी जाएगी। फेम-टू स्कीम के तहत सब्सिडी की राशि 60 लाख रुपए तक हो सकती है।
फेम-2 के दूसरे चरण की अवधि तीन वर्षों की होगी, जिसकी शुरूआत एक अप्रैल 2019 से होगी। फेम स्कीम की शुरूआत एक अप्रैल 2015 से हुई थी और उसके लिये 895 करोड़ रुपए आवंटित हुए थे। सरकार चाहती है कि देश में न केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा मिले बल्कि सार्वजनिक परिवहन की सुविधाओं के लिए अधिक से अधिक ई व्हीकल्स का ही उपयोग हो।