झारखंड के बड़े नेता मार्क्सवादी चिंतक और धनबाद के पूर्व सांसद एके राय नहीं रहे. रविवार सुबह 11.15 बजे सेंट्रल अस्पताल में अंतिम सांस ली. वह 13 दिन से सेंट्रल अस्पताल में भर्ती थे. उन्होंने बिनोद बिहारी महतो, शिबू सोरेन के साथ काम किया. झारखंड अगल राज्य आंदोलन में सक्रिय रहे. झामुमो के संस्थापकों में भी राय दा शामिल थे. शिबू सोरेन से अलग होने के बाद उन्होंने मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) नाम से राजनीतिक पार्टी बनाई.
झारखंड के बड़े नेता मार्क्सवादी चिंतक और धनबाद के पूर्व सांसद एके राय नहीं रहे. रविवार सुबह 11.15 बजे सेंट्रल अस्पताल में अंतिम सांस ली. वह 13 दिन से सेंट्रल अस्पताल में भर्ती थे. उन्होंने बिनोद बिहारी महतो, शिबू सोरेन के साथ काम किया. झारखंड अगल राज्य आंदोलन में सक्रिय रहे. झामुमो के संस्थापकों में भी राय दा शामिल थे. शिबू सोरेन से अलग होने के बाद उन्होंने मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) नाम से राजनीतिक पार्टी बनाई.