मणिपुर के बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों के पर्वतीय इलाकों में जलाने के लिए लकड़ी एकत्र करने गए कुंबी विधानसभा क्षेत्र के चार पुरुष बुधवार को लापता हो गए. पुलिस ने यह जानकारी दी.उनका अभी पता नहीं चल पाया है. पुलिस ने बताया कि उनकी पहचान दारा सिंह, इबोम्चा सिंह, रोमेन सिंह और आनंद सिंह के रूप में हुई है.
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे और जवाबी कार्रवाई करते हुए हमलावरों को गोलीबारी बंद करने पर मजबूर कर दिया. अधिकारियों ने बताया कि रुक-रुक कर गोलीबारी अब भी जारी है. किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
मणिपुर में बुधवार को एक बार फिर गोलीबारी की घटना सामने आई है. वहीं चार लोग भी लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुटी है. जानकारी के मुताबिक कुंबी विधानसभा क्षेत्र के चार लोग, जो बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों से सटे पहाड़ी श्रृंखलाओं के पास लकड़ी इकट्ठा करने गए थे. लेकिन वह वापस नहीं लौटे.
पीटीआई के मुताबिक पुलिस ने बताया कि उनकी पहचान दारा सिंह, इबोम्चा सिंह, रोमेन सिंह और आनंद सिंह के रूप में की गई है. सूत्रों ने बताया कि उन्हें आतंकवादियों द्वारा बंदी बनाए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है और केंद्रीय बलों से मदद मांगी गई है.
अधिकारियों ने बताया कि इस बीच उग्रवादियों ने बिष्णुपुर जिले के हाओतक गांव में गोलीबारी की और बम से भी हमले किए, जिससे 100 से अधिक महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सुरक्षित इलाकों में भाग गए. सूचना मिलने पर सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे और जवाबी कार्रवाई की. अभी तक किसी के घायल होने की सूचना नहीं है.
बता दें कि पिछले साल 3 मई 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क गई थी, जिसके बाद से अब तक 180 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. कई सैकड़ा लोग घायल हुए हैं. हिंसा की चपेट में आने से निजी और सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है. हिंसा की शुरुआत तब हुई, जब मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किया गया था. हिंसा से पहले कुकी ग्रामीणों को आरक्षित वन भूमि से बेदखल करने को लेकर तनाव था, जिसके कारण कई छोटे आंदोलन हुए थे.