10,349, यह आंकड़ा उन किसानों का है जो अब नहीं रहे। नेशनल क्राइम एनसीआरबी द्वारा ‘हादसों में मौतों व आत्महत्याओं’ (एडीएसआई) पर जारी सालाना रिपोर्ट के अनुसार इन किसानों ने 2018 में आत्महत्या कर ली। यह आंकड़ा देश में हुई आत्महत्याओं का 7.7 प्रतिशत है और लगातार बिगड़ रहे किसानों के हालात बताता है।
वर्ष 2016 में हुई 11,379 किसानों की आत्महत्याओं के मुकाबले यह संख्या कम है, लेकिन खास बात है कि कई राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तराखंड, मेघालय, गोवा, चंडीगढ़, दमन और दीव, दिल्ली, लक्षद्वीप और पुडुचेरी जैसे राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों ने अपने यहां किसी किसान द्वारा आत्महत्या करने की बात नहीं मानी है।
10,349, यह आंकड़ा उन किसानों का है जो अब नहीं रहे। नेशनल क्राइम एनसीआरबी द्वारा ‘हादसों में मौतों व आत्महत्याओं’ (एडीएसआई) पर जारी सालाना रिपोर्ट के अनुसार इन किसानों ने 2018 में आत्महत्या कर ली। यह आंकड़ा देश में हुई आत्महत्याओं का 7.7 प्रतिशत है और लगातार बिगड़ रहे किसानों के हालात बताता है।
वर्ष 2016 में हुई 11,379 किसानों की आत्महत्याओं के मुकाबले यह संख्या कम है, लेकिन खास बात है कि कई राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तराखंड, मेघालय, गोवा, चंडीगढ़, दमन और दीव, दिल्ली, लक्षद्वीप और पुडुचेरी जैसे राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों ने अपने यहां किसी किसान द्वारा आत्महत्या करने की बात नहीं मानी है।