'गरीबी में आटा गीला..' कहावत इन दिनों पाकिस्तान (Pakistan) पर एकदम चरितार्थ होती दिख रही है. पाकिस्तान आर्थिक संकट और बेतहाशा महंगाई (Inflation) से जूझ रहा है और ऐसे में उसने कश्मीर (Kashmir) के मुद्दे पर अपना विरोध जताते हुए भारत (India) के साथ कारोबारी रिश्ते (Trade Relations) भी स्थगित कर दिए हैं. नतीजा ये है कि पाकिस्तान में इस बार ईद उज अज़हा यानी बकरीद की रौनक और स्वाद दोनों फीके हो सकते हैं. फलों और सब्ज़ियों के कई उत्पादों के दाम तो पाकिस्तान में आसमान छू ही रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान की अवाम के लिए बड़ी मुश्किल ये है कि बकरीद में कुर्बानी कैसे दी जाए! क्योंकि महंगाई है तो बकरों के दाम (Livestock Prices) भी चढ़ गए हैं.
पहले से ही महंगाई के बोझ से दबे पाकिस्तान ने आर्टिकल 370 (Article 370) के प्रावधान रद्द कर जम्मू कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश (Union Territory) बनाने के भारत के फैसले के विरोध में व्यापारिक संबंध फिलहाल टाल देने का कदम उठाकर एक तरह से अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है. वहां के लोगों के सामने बकरीद (Bakrid) पर काफी समस्या हो गई है क्योंकि पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक अदरक और लहुसन क्रमशः 400 रुपये व 320 रुपये किलो बिक रहा है. हरी मिर्च 100 रुपये किलो और कुछ दिन पहले 35 रुपये किलो बिकने वाला प्याज़ अब 50 रुपये किलो बिक रहा है. वहीं टमाटर की कीमतों में भी उछाल है.
अब जानें पाकिस्तान में बकरों के दामों की कहानी. पाकिस्तान में कैसे इस ईद पर कुर्बानी की रस्म अदा की जाएगी क्योंकि पिछले साल की तुलना में वहां बकरों के दाम दोगुने से ज़्यादा हो चुके हैं और वो भी तब, जबकि देश महंगाई की चपेट में है.
'गरीबी में आटा गीला..' कहावत इन दिनों पाकिस्तान (Pakistan) पर एकदम चरितार्थ होती दिख रही है. पाकिस्तान आर्थिक संकट और बेतहाशा महंगाई (Inflation) से जूझ रहा है और ऐसे में उसने कश्मीर (Kashmir) के मुद्दे पर अपना विरोध जताते हुए भारत (India) के साथ कारोबारी रिश्ते (Trade Relations) भी स्थगित कर दिए हैं. नतीजा ये है कि पाकिस्तान में इस बार ईद उज अज़हा यानी बकरीद की रौनक और स्वाद दोनों फीके हो सकते हैं. फलों और सब्ज़ियों के कई उत्पादों के दाम तो पाकिस्तान में आसमान छू ही रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान की अवाम के लिए बड़ी मुश्किल ये है कि बकरीद में कुर्बानी कैसे दी जाए! क्योंकि महंगाई है तो बकरों के दाम (Livestock Prices) भी चढ़ गए हैं.
पहले से ही महंगाई के बोझ से दबे पाकिस्तान ने आर्टिकल 370 (Article 370) के प्रावधान रद्द कर जम्मू कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश (Union Territory) बनाने के भारत के फैसले के विरोध में व्यापारिक संबंध फिलहाल टाल देने का कदम उठाकर एक तरह से अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है. वहां के लोगों के सामने बकरीद (Bakrid) पर काफी समस्या हो गई है क्योंकि पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक अदरक और लहुसन क्रमशः 400 रुपये व 320 रुपये किलो बिक रहा है. हरी मिर्च 100 रुपये किलो और कुछ दिन पहले 35 रुपये किलो बिकने वाला प्याज़ अब 50 रुपये किलो बिक रहा है. वहीं टमाटर की कीमतों में भी उछाल है.
अब जानें पाकिस्तान में बकरों के दामों की कहानी. पाकिस्तान में कैसे इस ईद पर कुर्बानी की रस्म अदा की जाएगी क्योंकि पिछले साल की तुलना में वहां बकरों के दाम दोगुने से ज़्यादा हो चुके हैं और वो भी तब, जबकि देश महंगाई की चपेट में है.