भारत ने 27 मार्च को धरती से 300 किमी दूरी पर स्थित एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया था। इसके साथ ही भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन गया था। अब शनिवार 6 अप्रैल को मिशन के बारे में डीआरडीओ चीफ जीएस रेड्डी नई दिल्ली में जानकारी दे रहे हैं। बताते चलें कि भारत से पहले यह महारथ सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के पास ही थी।
इस 'मिशन शक्ति' को डीआरडीओ यानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने अंजाम दिया। डीआरडीओ चीफ ने कहा इस प्रोजेक्ट में 150 से 200 वैज्ञानिक काम कर रहे थे। जिसमें कई महिला वैज्ञानिक भी दिन-रात काम कर रही थीं। वे रडार, ग्राउंड वर्क में लगी हुई थी और उनकी संख्या करीब 30 से 40 के बीच रही होगी।
यह बात उन्होंने इस प्रोजेक्ट में महिला वैज्ञानिकों के शामिल होने के सवाल पर कही। रेड्डी ने कहा कि यह इलेक्ट्रॉनिक टारगेट के खिलाफ बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण था। इसके साथ ही हमने अंतरिक्ष में अपनी संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित कर ली है।
भारत ने 27 मार्च को धरती से 300 किमी दूरी पर स्थित एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया था। इसके साथ ही भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन गया था। अब शनिवार 6 अप्रैल को मिशन के बारे में डीआरडीओ चीफ जीएस रेड्डी नई दिल्ली में जानकारी दे रहे हैं। बताते चलें कि भारत से पहले यह महारथ सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के पास ही थी।
इस 'मिशन शक्ति' को डीआरडीओ यानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने अंजाम दिया। डीआरडीओ चीफ ने कहा इस प्रोजेक्ट में 150 से 200 वैज्ञानिक काम कर रहे थे। जिसमें कई महिला वैज्ञानिक भी दिन-रात काम कर रही थीं। वे रडार, ग्राउंड वर्क में लगी हुई थी और उनकी संख्या करीब 30 से 40 के बीच रही होगी।
यह बात उन्होंने इस प्रोजेक्ट में महिला वैज्ञानिकों के शामिल होने के सवाल पर कही। रेड्डी ने कहा कि यह इलेक्ट्रॉनिक टारगेट के खिलाफ बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण था। इसके साथ ही हमने अंतरिक्ष में अपनी संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित कर ली है।