भारत के पूर्वी हिस्से ने हाल ही में चक्रवात फानी का सामना किया और अब पश्चिमी हिस्से पर खतरा है. चक्रवात वायु बुधवार देर रात या गुरुवार सुबह गुजरात के तटीय इलाकों से टकरा सकता है, इसको देखते हुए राज्य और केंद्र सरकार ने जरूरी कदम उठाए हैं. गुजरात में ये तूफान 140-150 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से टकरा सकता है और अधिकतम गति 165 तक पहुंच सकती है. ऐसे में किसी भी अनहोनी से बचने के लिए भारतीय सेना, NDRF समेत कई बड़ी एजेंसियों को तैनात किया गया है.
- गुजरात सरकार ने अगले 30 घंटे के लिए एक योजना बनाई है. ये चक्रवात गुजरात के पोरबंदर से लेकर महुआ के बीच वेरावल में टकरा सकता है.
चक्रवात का सबसे ज्यादा असर वेरावल, पोरबंदर, जूनागढ़, दीव, अमरेली, भावनगर, द्वारिका और कच्छ में देखने मिलेगा.
- इसके लिए 26 टीमों को तैनात किया गया है, साथ ही महाराष्ट्र में 10 NDRF टीमों को तैनात किया गया है.
- सौराष्ट्र और कच्छ के मछुआरों को समुद्र में ना जाने के लिए कहा गया है. साथ ही जो पोर्ट पर कल तक 1 नंबर का सिग्नल था, तो वही आज उस सिग्नल को 2 नंबर कर दिया गया है.
भारत के पूर्वी हिस्से ने हाल ही में चक्रवात फानी का सामना किया और अब पश्चिमी हिस्से पर खतरा है. चक्रवात वायु बुधवार देर रात या गुरुवार सुबह गुजरात के तटीय इलाकों से टकरा सकता है, इसको देखते हुए राज्य और केंद्र सरकार ने जरूरी कदम उठाए हैं. गुजरात में ये तूफान 140-150 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से टकरा सकता है और अधिकतम गति 165 तक पहुंच सकती है. ऐसे में किसी भी अनहोनी से बचने के लिए भारतीय सेना, NDRF समेत कई बड़ी एजेंसियों को तैनात किया गया है.
- गुजरात सरकार ने अगले 30 घंटे के लिए एक योजना बनाई है. ये चक्रवात गुजरात के पोरबंदर से लेकर महुआ के बीच वेरावल में टकरा सकता है.
चक्रवात का सबसे ज्यादा असर वेरावल, पोरबंदर, जूनागढ़, दीव, अमरेली, भावनगर, द्वारिका और कच्छ में देखने मिलेगा.
- इसके लिए 26 टीमों को तैनात किया गया है, साथ ही महाराष्ट्र में 10 NDRF टीमों को तैनात किया गया है.
- सौराष्ट्र और कच्छ के मछुआरों को समुद्र में ना जाने के लिए कहा गया है. साथ ही जो पोर्ट पर कल तक 1 नंबर का सिग्नल था, तो वही आज उस सिग्नल को 2 नंबर कर दिया गया है.