ओडिशा समेत पूर्वी भारत के कई राज्यों के तटीय इलाकों से टकराने के बाद शुक्रवार को फानी तूफान कमजोर पड़ गया. इस तूफान की वजह से रेल और हवाई यात्राएं रोक दी गईं.
अब फानी तूफान से जुड़ा एक और तथ्य सामने आया है. ओडिशा के गंजम जिले में हर साल प्रजनन के लिए ओलिव रिडले कछुये आते हैं. लेकिन इस बार उनकी संख्या 1 फीसदी से भी कम थी. ऐसे में कहा जा रहा है कि कछुओं को फानी तूफान की पहले से आशंका थी.
गौरतलब है की फानी तूफान की वजह से 10 लाख से ज्यादा लोगों को एक जगह से दूसरी जगह भेजा गया है. अब तक इस तूफान के चलते 6 लोगों की मौत हो गई है.
IFS प्रवीण कसवान ने ट्वीट किया- 'एक दिलचस्प तथ्य यह है कि ओलिव रिडले कछुए इस बार रुसीकुलया बीच पर देख ने को नहीं मिले. संभव है कि सभी जंतुओं को फानी तूफान के लिए समय के लिए मौसम विभाग के पूर्वानुमान की जरूरत न हो. कई जंतु खुद से कई आपदाओं के बारे में महसूस कर लेते हैं.'
ओडिशा समेत पूर्वी भारत के कई राज्यों के तटीय इलाकों से टकराने के बाद शुक्रवार को फानी तूफान कमजोर पड़ गया. इस तूफान की वजह से रेल और हवाई यात्राएं रोक दी गईं.
अब फानी तूफान से जुड़ा एक और तथ्य सामने आया है. ओडिशा के गंजम जिले में हर साल प्रजनन के लिए ओलिव रिडले कछुये आते हैं. लेकिन इस बार उनकी संख्या 1 फीसदी से भी कम थी. ऐसे में कहा जा रहा है कि कछुओं को फानी तूफान की पहले से आशंका थी.
गौरतलब है की फानी तूफान की वजह से 10 लाख से ज्यादा लोगों को एक जगह से दूसरी जगह भेजा गया है. अब तक इस तूफान के चलते 6 लोगों की मौत हो गई है.
IFS प्रवीण कसवान ने ट्वीट किया- 'एक दिलचस्प तथ्य यह है कि ओलिव रिडले कछुए इस बार रुसीकुलया बीच पर देख ने को नहीं मिले. संभव है कि सभी जंतुओं को फानी तूफान के लिए समय के लिए मौसम विभाग के पूर्वानुमान की जरूरत न हो. कई जंतु खुद से कई आपदाओं के बारे में महसूस कर लेते हैं.'