सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अदालती फैसला धार्मिक ग्रंथ की तरह नहीं है जिसे संशोधित या सही नहीं किया जाए। शीर्ष अदालत ने कहा है कि फैसला कोई विराम-स्थल नहीं है बल्कि सोपान है। जस्टिस अरूण मिश्रा ने ये टिप्पणी भूमि अधिग्रहण में मुआवजे से संबंधित मामले में पांच सदस्यीय पीठ से खुद को अलग करने से इनकार करते हुए की है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अदालती फैसला धार्मिक ग्रंथ की तरह नहीं है जिसे संशोधित या सही नहीं किया जाए। शीर्ष अदालत ने कहा है कि फैसला कोई विराम-स्थल नहीं है बल्कि सोपान है। जस्टिस अरूण मिश्रा ने ये टिप्पणी भूमि अधिग्रहण में मुआवजे से संबंधित मामले में पांच सदस्यीय पीठ से खुद को अलग करने से इनकार करते हुए की है।