चीन की प्रायोगिक अंतरिक्ष प्रयोगशाला तिआनगोंग-2 नियंत्रित रूप से शुक्रवार रात अपनी कक्षा से बाहर निकलकर पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश कर गई. इस दौरान थोड़ी मात्रा में मलबा दक्षिणी प्रशांत महासागर में भी गिरा. देश की अंतरिक्ष एजेंसी ने यह जानकारी दी.
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने चीन के नव अंतरिक्ष इंजीनियरिंग कार्यालय (CMSEO) को उद्धृत करते हुए बताया कि पृथ्वी की कक्षा में पुन: प्रवेश छह बजकर 24 मिनट पर हुआ. इस दौरान थोड़ी मात्रा में मलबा सुरक्षित समुद्र क्षेत्र में भी गिरा.
सरकारी मीडिया की खबरों के अनुसार, तिआनगोंग-2 चीन की पहली अंतरिक्ष प्रयोगशाला है जिसे 15 सितंबर 2016 को प्रक्षेपित किया गया था. इस अंतरिक्ष प्रयोगशाला ने कक्षा में 1,000 से अधिक दिन तक काम किया जो उसके दो साल की निर्धारित आयु से अधिक है. चीन की साल 2022 तक स्थायी अंतरिक्ष केंद्र प्रक्षेपित करने की योजना है.
चीन की प्रायोगिक अंतरिक्ष प्रयोगशाला तिआनगोंग-2 नियंत्रित रूप से शुक्रवार रात अपनी कक्षा से बाहर निकलकर पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश कर गई. इस दौरान थोड़ी मात्रा में मलबा दक्षिणी प्रशांत महासागर में भी गिरा. देश की अंतरिक्ष एजेंसी ने यह जानकारी दी.
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने चीन के नव अंतरिक्ष इंजीनियरिंग कार्यालय (CMSEO) को उद्धृत करते हुए बताया कि पृथ्वी की कक्षा में पुन: प्रवेश छह बजकर 24 मिनट पर हुआ. इस दौरान थोड़ी मात्रा में मलबा सुरक्षित समुद्र क्षेत्र में भी गिरा.
सरकारी मीडिया की खबरों के अनुसार, तिआनगोंग-2 चीन की पहली अंतरिक्ष प्रयोगशाला है जिसे 15 सितंबर 2016 को प्रक्षेपित किया गया था. इस अंतरिक्ष प्रयोगशाला ने कक्षा में 1,000 से अधिक दिन तक काम किया जो उसके दो साल की निर्धारित आयु से अधिक है. चीन की साल 2022 तक स्थायी अंतरिक्ष केंद्र प्रक्षेपित करने की योजना है.