भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के 978 करोड़ रुपये लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन (Chandrayaan-2 Mission) में अभी बहुत कुछ बाकी है. सोमवार को इसरो ने बड़ी खुशखबरी दी. इसरो ने बताया कि चांद की सतह पर हार्ड लैंडिंग के बाद चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के लैंडर 'विक्रम' (Vikram) को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. इसमें कोई भी टूट-फूट नहीं हुई है. इसरो लैंडर के साथ फिर से संपर्क स्थापित करने की हर संभव कोशिश कर रहा है. उम्मीद है कि इसरो जल्द ही विक्रम से संपर्क स्थापित करने में कामयाब होगा.
इसरो ने रविवार को जानकारी दी कि 'विक्रम' की लोकेशन पता चल गई है. इसके साथ ही इसरो का काउंटडाउन शुरू हो गया. वैज्ञानिकों ने आशंका जताई थी कि चांद से टकराने के बाद विक्रम को नुकसान पहुंचा है. लेकिन, सोमवार को इसरो को कुछ राहत मिली. अब इसरो के पास लैंडर विक्रम से संपर्क साधने के लिए 12 दिन बचे हैं, वरना 'मिशन चंद्र' पूरा होने की उम्मीदें खत्म हो सकती हैं.
दरअसल, चांद पर अभी लूनर डे चल रहा है. एक लूनर डे धरती के 14 दिनों का होता है. इसमें से 2 दिन चले गए हैं. मतलब यह है कि आने वाले 12 दिन चांद पर दिन रहेगा. उसके बाद चांद पर रात हो जाएगी. रात में विक्रम से संपर्क साधने में परेशानी होगी और इसरो का इंतजार लंबा हो जाएगा.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के 978 करोड़ रुपये लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन (Chandrayaan-2 Mission) में अभी बहुत कुछ बाकी है. सोमवार को इसरो ने बड़ी खुशखबरी दी. इसरो ने बताया कि चांद की सतह पर हार्ड लैंडिंग के बाद चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के लैंडर 'विक्रम' (Vikram) को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. इसमें कोई भी टूट-फूट नहीं हुई है. इसरो लैंडर के साथ फिर से संपर्क स्थापित करने की हर संभव कोशिश कर रहा है. उम्मीद है कि इसरो जल्द ही विक्रम से संपर्क स्थापित करने में कामयाब होगा.
इसरो ने रविवार को जानकारी दी कि 'विक्रम' की लोकेशन पता चल गई है. इसके साथ ही इसरो का काउंटडाउन शुरू हो गया. वैज्ञानिकों ने आशंका जताई थी कि चांद से टकराने के बाद विक्रम को नुकसान पहुंचा है. लेकिन, सोमवार को इसरो को कुछ राहत मिली. अब इसरो के पास लैंडर विक्रम से संपर्क साधने के लिए 12 दिन बचे हैं, वरना 'मिशन चंद्र' पूरा होने की उम्मीदें खत्म हो सकती हैं.
दरअसल, चांद पर अभी लूनर डे चल रहा है. एक लूनर डे धरती के 14 दिनों का होता है. इसमें से 2 दिन चले गए हैं. मतलब यह है कि आने वाले 12 दिन चांद पर दिन रहेगा. उसके बाद चांद पर रात हो जाएगी. रात में विक्रम से संपर्क साधने में परेशानी होगी और इसरो का इंतजार लंबा हो जाएगा.