केंद्र सरकार ने अप्रेंटिसशिप नियम (1992) में बदलाव को अधिसूचित कर दिया है। इसका मकसद देश में कुशल श्रमबल को बढ़ाने के साथ नए नियमों के तहत पांचवीं से नौवीं कक्षा तक स्कूली शिक्षा प्राप्त अप्रेंटिस को 5,000 रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड, जबकि स्नातक या डिग्रीधारी को 9000 रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जाएगा।