मैरिटल रेप को भारत में आज भी रेप की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। इस तरह के मामलों में अक्सर घरेलू हिंसा समेत अन्य कई प्रावधानों का इस्तेमाल किया जाता है। इस बीच केंद्र सरकार ने मैरिटल रेप संबंधित हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है। केंद्र सरकार ने मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की मांग करने वाली याचिकाओं का विरोध किया है। केंद्र सरकार ने कहा, "मैरिटल रेप को अपराध बनाने की जरुरत नहीं है, क्योंकि इसके लिए वैकल्पिक "उपयुक्त रूप से तैयार दंडात्मक उपाय" मौजूद हैं।" केंद्र सरकार ने कहा कि मैरिटल रेप को अपराध घोषित करना सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।