मलयाली फिल्मकार जयन चेरियन की फिल्म 'का बॉडीस्केप्स' को सेंसर बोर्ड की ओर से सर्टिफेकेट देने से इनकार कीया गया है। 'का बॉडीस्केप्स' के निर्देशक जयन चेरियन न्यूयॉर्क में रहते हैं और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) की ओर से तिरुवनंतपुरम स्थित क्षेत्रीय अधिकारी डॉ प्रतिभा ए. ने जयन चेरियन को चिट्ठी भेजकर फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं दिए जाने की जानकारी दी। चिट्ठी में लिखा गया है कि 'दूसरी रिवाइजिंग कमेटी ने सर्वसम्मति से फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं देने की सिफारिश की है। उनका मानना है कि फिल्म में समलैंगिक संबंधों को महिमा मंडन वाले तरीके से दिखाया गया है। फिल्म में पेंटिंग्स के जरिए पुरुष के शरीर के अहम अंगों को निरूपित करने वाली नग्नता को क्लोज शाट्स में दिखाया गया है, लेकिन ज्यादा चिंताजनक बात ये है कि फिल्म में हिंदू धर्म को अवमानना वाले ढंग से दिखाया गया है। खास तौर पर भगवान हनुमान का जिस तरह (अश्लील चित्रण) उल्लेख किया गया है उससे समाज में कानून और व्यवस्था की समस्या हो सकती है।
मलयाली फिल्मकार जयन चेरियन की फिल्म 'का बॉडीस्केप्स' को सेंसर बोर्ड की ओर से सर्टिफेकेट देने से इनकार कीया गया है। 'का बॉडीस्केप्स' के निर्देशक जयन चेरियन न्यूयॉर्क में रहते हैं और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) की ओर से तिरुवनंतपुरम स्थित क्षेत्रीय अधिकारी डॉ प्रतिभा ए. ने जयन चेरियन को चिट्ठी भेजकर फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं दिए जाने की जानकारी दी। चिट्ठी में लिखा गया है कि 'दूसरी रिवाइजिंग कमेटी ने सर्वसम्मति से फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं देने की सिफारिश की है। उनका मानना है कि फिल्म में समलैंगिक संबंधों को महिमा मंडन वाले तरीके से दिखाया गया है। फिल्म में पेंटिंग्स के जरिए पुरुष के शरीर के अहम अंगों को निरूपित करने वाली नग्नता को क्लोज शाट्स में दिखाया गया है, लेकिन ज्यादा चिंताजनक बात ये है कि फिल्म में हिंदू धर्म को अवमानना वाले ढंग से दिखाया गया है। खास तौर पर भगवान हनुमान का जिस तरह (अश्लील चित्रण) उल्लेख किया गया है उससे समाज में कानून और व्यवस्था की समस्या हो सकती है।