बॉम्बे उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन करने वालों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें केवल इसलिए गद्दार या देशद्रोही नहीं कहा जा सकता क्योंकि वह एक कानून का विरोध कर रहे हैं। अदालत ने यह टिप्पणी गुरुवार को सीएए के खिलाफ आंदोलन के लिए पुलिस द्वारा अनुमति न दिए जाने के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए दी।
बॉम्बे उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन करने वालों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें केवल इसलिए गद्दार या देशद्रोही नहीं कहा जा सकता क्योंकि वह एक कानून का विरोध कर रहे हैं। अदालत ने यह टिप्पणी गुरुवार को सीएए के खिलाफ आंदोलन के लिए पुलिस द्वारा अनुमति न दिए जाने के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए दी।