भारतीय उद्योंगों में डूबे कर्जों पर आरबीआई मार्च, 2019 तक सख्त कदम उठाएगा। एसोचैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे बैंकों का एनपीए कम होगा और उनकी वित्तीय हालत सुधरेगी। रिपोर्ट कहती है कि वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही तक एनपीए की समस्या काफी हद तक निपटेगी। इसमें सरकार और रिजर्व बैंक की ओर से उठाए जा रहे कुछ मजबूत कदमों से मदद मिलेगी।