वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को 11 बजे अपना दूसरा बजट भाषण पढ़ेंगी. मोदी सरकार 2.0 के इस दूसरे बजट पर देश और दुनिया की निगाहें लगी हुई हैं, क्योंकि चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार के एक दशक के न्यूनतम स्तर पर रहने का अनुमान प्रकट किया गया है.

1. Income Tax Slab और रेट में बदलावः कंपनियों को टैक्स के मोर्चे पर रिलीफ मिलने के बाद देश के नौकरीपेशा लोग इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि वित्त मंत्री के बजट के पिटारे से इस बार उनके लिए भी राहत का ऐलान हो सकता है. 

2. Standard Deduction में बढ़ोत्तरी: ICAI के पूर्व अध्यक्ष अमरजीत चोपड़ा के मुताबिक, सीतारमण इस बार के बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ा सकती हैं. इससे भी लोगों को टैक्स के मोर्चे पर राहत मिलने की उम्मीद है. वर्तमान में टैक्सपेयर को 50,000 रुपये तक का Standard Deduction मिलता है.

3. टैक्स एक्जेम्पशन एवं 80 (C) की सीमा में बढ़ोत्तरीः कई टैक्स विश्लेषकों का मानना है कि राजकोषीय घाटा एवं टैक्स कलेक्शन में कमी के कारण सरकार के हाथ बंधे हुए हैं और आयकर की दर में कमी की बहुत गुंजाइश नहीं बच गई है. हालांकि, उनका मानना है कि सरकार 80 (C) एवं टैक्स एक्जेम्पशन की सीमा को बढ़ाकर आम लोगों को राहत दे सकती है.

4. होम लोन, एजुकेशन लोन में राहतः आर्थिक मामलों के विश्लेषकों का मानना है कि लोगों को होम लोन एवं एजुकेशन लोन पर विशेष छूट दिए जाने की दरकार है.

5. किसानों की आय बढ़ाने पर जोरः विश्लेषकों का मानना है कि ग्रामीण आबादी की आय बढ़ाए बिना इकोनॉमी को पटरी पर नहीं लाया जा सकता है. इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि सरकार किसानों के लिए कुछ अहम घोषणाएं कर सकती है.

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Added on : 2020-01-31 20:27:12

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को 11 बजे अपना दूसरा बजट भाषण पढ़ेंगी. मोदी सरकार 2.0 के इस दूसरे बजट पर देश और दुनिया की निगाहें लगी हुई हैं, क्योंकि चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार के एक दशक के न्यूनतम स्तर पर रहने का अनुमान प्रकट किया गया है.

1. Income Tax Slab और रेट में बदलावः कंपनियों को टैक्स के मोर्चे पर रिलीफ मिलने के बाद देश के नौकरीपेशा लोग इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि वित्त मंत्री के बजट के पिटारे से इस बार उनके लिए भी राहत का ऐलान हो सकता है. 

2. Standard Deduction में बढ़ोत्तरी: ICAI के पूर्व अध्यक्ष अमरजीत चोपड़ा के मुताबिक, सीतारमण इस बार के बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ा सकती हैं. इससे भी लोगों को टैक्स के मोर्चे पर राहत मिलने की उम्मीद है. वर्तमान में टैक्सपेयर को 50,000 रुपये तक का Standard Deduction मिलता है.

3. टैक्स एक्जेम्पशन एवं 80 (C) की सीमा में बढ़ोत्तरीः कई टैक्स विश्लेषकों का मानना है कि राजकोषीय घाटा एवं टैक्स कलेक्शन में कमी के कारण सरकार के हाथ बंधे हुए हैं और आयकर की दर में कमी की बहुत गुंजाइश नहीं बच गई है. हालांकि, उनका मानना है कि सरकार 80 (C) एवं टैक्स एक्जेम्पशन की सीमा को बढ़ाकर आम लोगों को राहत दे सकती है.

4. होम लोन, एजुकेशन लोन में राहतः आर्थिक मामलों के विश्लेषकों का मानना है कि लोगों को होम लोन एवं एजुकेशन लोन पर विशेष छूट दिए जाने की दरकार है.

5. किसानों की आय बढ़ाने पर जोरः विश्लेषकों का मानना है कि ग्रामीण आबादी की आय बढ़ाए बिना इकोनॉमी को पटरी पर नहीं लाया जा सकता है. इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि सरकार किसानों के लिए कुछ अहम घोषणाएं कर सकती है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को 11 बजे अपना दूसरा बजट भाषण पढ़ेंगी. मोदी सरकार 2.0 के इस दूसरे बजट पर देश और दुनिया की निगाहें लगी हुई हैं, क्योंकि चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार के एक दशक के न्यूनतम स्तर पर रहने का अनुमान प्रकट किया गया है.

1. Income Tax Slab और रेट में बदलावः कंपनियों को टैक्स के मोर्चे पर रिलीफ मिलने के बाद देश के नौकरीपेशा लोग इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि वित्त मंत्री के बजट के पिटारे से इस बार उनके लिए भी राहत का ऐलान हो सकता है. 

2. Standard Deduction में बढ़ोत्तरी: ICAI के पूर्व अध्यक्ष अमरजीत चोपड़ा के मुताबिक, सीतारमण इस बार के बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ा सकती हैं. इससे भी लोगों को टैक्स के मोर्चे पर राहत मिलने की उम्मीद है. वर्तमान में टैक्सपेयर को 50,000 रुपये तक का Standard Deduction मिलता है.

3. टैक्स एक्जेम्पशन एवं 80 (C) की सीमा में बढ़ोत्तरीः कई टैक्स विश्लेषकों का मानना है कि राजकोषीय घाटा एवं टैक्स कलेक्शन में कमी के कारण सरकार के हाथ बंधे हुए हैं और आयकर की दर में कमी की बहुत गुंजाइश नहीं बच गई है. हालांकि, उनका मानना है कि सरकार 80 (C) एवं टैक्स एक्जेम्पशन की सीमा को बढ़ाकर आम लोगों को राहत दे सकती है.

4. होम लोन, एजुकेशन लोन में राहतः आर्थिक मामलों के विश्लेषकों का मानना है कि लोगों को होम लोन एवं एजुकेशन लोन पर विशेष छूट दिए जाने की दरकार है.

5. किसानों की आय बढ़ाने पर जोरः विश्लेषकों का मानना है कि ग्रामीण आबादी की आय बढ़ाए बिना इकोनॉमी को पटरी पर नहीं लाया जा सकता है. इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि सरकार किसानों के लिए कुछ अहम घोषणाएं कर सकती है.

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