राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारतीय वन अधिनियम, 1927 में संशोधन पर हस्ताक्षर कर दिए हैं जिसके बाद गैर-वन क्षेत्र में उगने वाला बांस 'पेड़' की परिभाषा के दायरे से बाहर हो गया। इसके बाद गैर-वन क्षेत्र में उगे बांस को काटने या लाने-ले जाने के लिए अनुमति नहीं लेनी होगी। हालांकि, वन में उगने वाला बांस 'पेड़' ही माना जाएगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारतीय वन अधिनियम, 1927 में संशोधन पर हस्ताक्षर कर दिए हैं जिसके बाद गैर-वन क्षेत्र में उगने वाला बांस 'पेड़' की परिभाषा के दायरे से बाहर हो गया। इसके बाद गैर-वन क्षेत्र में उगे बांस को काटने या लाने-ले जाने के लिए अनुमति नहीं लेनी होगी। हालांकि, वन में उगने वाला बांस 'पेड़' ही माना जाएगा।