अयोध्या केस की 9वें दिन की सुनवाई में रामलला विराजमान के वकील ने दलील को बढ़ाते हुए कहा, 'विवादित भूमि पर मंदिर रहा हो या न हो, मूर्ति हो या न हो लोगों की आस्था होना काफी है यह साबित करने के लिए कि वही रामजन्म स्थान है.' रामलला के वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि इस मामले में कभी भी कोई प्रतिकूल कब्जा नहीं हुआ है, हिन्दुओं ने हमेशा इस स्थान पर पूजा करने की अपनी इच्छा प्रकट की है. स्वामित्व का कोई सवाल ही नहीं उठता, ज़मीन केवल भगवान की है. वह भगवान राम का जन्म स्थान है, इसलिए किसी के वहां मस्जिद बना कर उस पर कब्ज़े का दावा करने का सवाल नहीं उठता. किसी मूर्ति या मंदिर को नहीं तोड़ा जा सकता, अगर मंदिर न भी हो तो भी इस स्थान की पवित्रता बनी रहेगी.
अयोध्या केस की 9वें दिन की सुनवाई में रामलला विराजमान के वकील ने दलील को बढ़ाते हुए कहा, 'विवादित भूमि पर मंदिर रहा हो या न हो, मूर्ति हो या न हो लोगों की आस्था होना काफी है यह साबित करने के लिए कि वही रामजन्म स्थान है.' रामलला के वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि इस मामले में कभी भी कोई प्रतिकूल कब्जा नहीं हुआ है, हिन्दुओं ने हमेशा इस स्थान पर पूजा करने की अपनी इच्छा प्रकट की है. स्वामित्व का कोई सवाल ही नहीं उठता, ज़मीन केवल भगवान की है. वह भगवान राम का जन्म स्थान है, इसलिए किसी के वहां मस्जिद बना कर उस पर कब्ज़े का दावा करने का सवाल नहीं उठता. किसी मूर्ति या मंदिर को नहीं तोड़ा जा सकता, अगर मंदिर न भी हो तो भी इस स्थान की पवित्रता बनी रहेगी.