दिल्ली के पश्चिम विहार निवासी 74 वर्षीय रमेश चंद्र बंसल को सांस लेने में तकलीफ के बाद परिजनों ने निजी अस्पताल में भर्ती कराया। महज दो घंटे के इलाज में अस्पताल ने बतौर पीपीई किट 10 हजार रुपये वसूल लिए। मरीज की तीन दिन पहले मौत हो गई। इसी तरह, दिल्ली की साइमा फुरकान ने अपने दादा को निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। करीब 30 दिन बाद अस्पताल ने उन्हें 122 पेज का बिल देते हुए 16,14,596 रुपये के भुगतान करने को कहा। इस बिल में प्रतिदिन पीपीई किट के 10 हजार रुपये लिए गए। प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी के ऐसे कई केस अब तक सामने आ चुके हैं।
दिल्ली के पश्चिम विहार निवासी 74 वर्षीय रमेश चंद्र बंसल को सांस लेने में तकलीफ के बाद परिजनों ने निजी अस्पताल में भर्ती कराया। महज दो घंटे के इलाज में अस्पताल ने बतौर पीपीई किट 10 हजार रुपये वसूल लिए। मरीज की तीन दिन पहले मौत हो गई। इसी तरह, दिल्ली की साइमा फुरकान ने अपने दादा को निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। करीब 30 दिन बाद अस्पताल ने उन्हें 122 पेज का बिल देते हुए 16,14,596 रुपये के भुगतान करने को कहा। इस बिल में प्रतिदिन पीपीई किट के 10 हजार रुपये लिए गए। प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी के ऐसे कई केस अब तक सामने आ चुके हैं।