सपनों की कोई सीमा नहीं होती और कहा जाता है कि सपने हमेशा बड़े देखो जो दूसरों को नामुमकिन लगे और आप उसे पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दें. बस 23 साल की अनुप्रिया लकड़ा ने अपने ऊंचे सपनों का पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और आज वो पहली आदिवासी महिला पायलट बनकर अपना नाम रोशन कर चुकी हैं. बता दें कि ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने भी प्रदेश की बेटी को इस सफलता की बधाई दी है.
सीएम नवीन पटनायक ने ट्विटर पोस्ट पर लिखा कि मैं अनुप्रिया की सफलता के बारे में जान कर प्रसन्न हूं. अनुप्रिया की कठिन मेहनत और लगन ने उसे इस सफलता तक पहुंचाया है जो कइयों के लिए उदाहरण हैं. एक काबिल पायलट के रूप में अनुप्रिया को शुभकामनाएं.
सपनों की कोई सीमा नहीं होती और कहा जाता है कि सपने हमेशा बड़े देखो जो दूसरों को नामुमकिन लगे और आप उसे पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दें. बस 23 साल की अनुप्रिया लकड़ा ने अपने ऊंचे सपनों का पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और आज वो पहली आदिवासी महिला पायलट बनकर अपना नाम रोशन कर चुकी हैं. बता दें कि ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने भी प्रदेश की बेटी को इस सफलता की बधाई दी है.
सीएम नवीन पटनायक ने ट्विटर पोस्ट पर लिखा कि मैं अनुप्रिया की सफलता के बारे में जान कर प्रसन्न हूं. अनुप्रिया की कठिन मेहनत और लगन ने उसे इस सफलता तक पहुंचाया है जो कइयों के लिए उदाहरण हैं. एक काबिल पायलट के रूप में अनुप्रिया को शुभकामनाएं.