2019 लोकसभा चुनाव के दौरान सरकार ने नौ हजार करोड़ रुपये का 60 प्रतिशत हिस्सा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की खरीद और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) की यूनिट पर खर्च किए हैं। लोकसभा चुनावों पर प्रत्यक्ष खर्च तीन वित्तीय वर्षों में 2,019 करोड़ रुपये रहा है, जो ईवीएम की खरीद पर खर्च किए गए पैसे के बाद दूसरा प्रमुख व्यय है।
तीसरा 1,317 करोड़ रुपये का मिश्रित व्यय है। 2019-20 के बजट प्रावधान के अनुसार सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान 1,000 करोड़ रुपये लोकसभा चुनावों में हुए खर्च के लंबित बिलों को मंजूरी देने के लिए आवंटित किए थे। ईवीएम खरीदने, वोटर आईडी कार्ड जारी करने और अन्य खर्च पर 8,996 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसमें पिछले दो वित्तीय वर्ष का खर्च भी शामिल है।
2017-18 के बाद से सरकार ने ईवीएम खरीदने पर 5,400 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यह चुनाव के दौरान होने वाले खर्च का एक महत्वपू्र्ण हिस्सा है। चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम पर होने वाले खर्च में बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीवैट की खरीद शामिल है।
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान सरकार ने नौ हजार करोड़ रुपये का 60 प्रतिशत हिस्सा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की खरीद और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) की यूनिट पर खर्च किए हैं। लोकसभा चुनावों पर प्रत्यक्ष खर्च तीन वित्तीय वर्षों में 2,019 करोड़ रुपये रहा है, जो ईवीएम की खरीद पर खर्च किए गए पैसे के बाद दूसरा प्रमुख व्यय है।
तीसरा 1,317 करोड़ रुपये का मिश्रित व्यय है। 2019-20 के बजट प्रावधान के अनुसार सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान 1,000 करोड़ रुपये लोकसभा चुनावों में हुए खर्च के लंबित बिलों को मंजूरी देने के लिए आवंटित किए थे। ईवीएम खरीदने, वोटर आईडी कार्ड जारी करने और अन्य खर्च पर 8,996 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसमें पिछले दो वित्तीय वर्ष का खर्च भी शामिल है।
2017-18 के बाद से सरकार ने ईवीएम खरीदने पर 5,400 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यह चुनाव के दौरान होने वाले खर्च का एक महत्वपू्र्ण हिस्सा है। चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम पर होने वाले खर्च में बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीवैट की खरीद शामिल है।