जुलाई के पहले पखवाड़े में चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग देखने का मौका करीब 10 हजार लोगों को मिल सकता है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) इसके लिए तैयारियों में जुट गया है. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा द्वीप में बने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में इसके लिए एक विशाल स्टेडियम बनाया जा रहा है.
बता दे की इसरो के पूर्व चैयरमैन ए. एस. किरण कुमार ने बताया कि इसरो की सभी लॉन्चिंग को जनता के लिए खोलने का निर्णय लिया गया है. इसकी शुरूआत अप्रैल में PSLV C-45 की लॉन्चिंग से हुई है जिसमें DRDO के उपग्रह एमिसेट और 28 विदेशी उपग्रह छोड़े गए थे. लेकिन क्षमता की कमी के कारण तब सिर्फ एक हजार लोगों को लॉन्चिंग देखने की अनुमति दी गई थी. लेकिन चंद्रयान-2 की लांचिग तक इस क्षमता को बढ़ा दिया जाएगा और दस हजार लोगों को वहां बैठकर इस ऐतिहासिक लांचिग देखने का मौका मिलेगा.
जुलाई के पहले पखवाड़े में चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग देखने का मौका करीब 10 हजार लोगों को मिल सकता है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) इसके लिए तैयारियों में जुट गया है. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा द्वीप में बने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में इसके लिए एक विशाल स्टेडियम बनाया जा रहा है.
बता दे की इसरो के पूर्व चैयरमैन ए. एस. किरण कुमार ने बताया कि इसरो की सभी लॉन्चिंग को जनता के लिए खोलने का निर्णय लिया गया है. इसकी शुरूआत अप्रैल में PSLV C-45 की लॉन्चिंग से हुई है जिसमें DRDO के उपग्रह एमिसेट और 28 विदेशी उपग्रह छोड़े गए थे. लेकिन क्षमता की कमी के कारण तब सिर्फ एक हजार लोगों को लॉन्चिंग देखने की अनुमति दी गई थी. लेकिन चंद्रयान-2 की लांचिग तक इस क्षमता को बढ़ा दिया जाएगा और दस हजार लोगों को वहां बैठकर इस ऐतिहासिक लांचिग देखने का मौका मिलेगा.